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Anmol Swasthya Ke Nam 2019

ऐश्वर्या संस्थान के संयोजन में हुआ भव्य आयोजन ‘‘अनमोल स्वास्थ्य के नाम’’
स्वस्थ शरीर में स्वस्थ मस्तिष्क का निवास होता है। आज हर व्यक्ति इस भागदौड़ भरी ज़िन्दगी में सूकुन के कुछ पलों की तलाश में रहता है, लकिन इस संघर्षपूर्ण ज़िन्दगी में हर पल सभी के लिए खुशगवार ही हो, ऐसा जरूरी भी नहीं। लेकिन हर कोई आज खुश रहना चाहता है। कहते हैं जिसकी मस्ती ज़िन्दा है, उसकी हस्ती ज़िन्दा है, अतः प्रसन्नचित्त रहने के लिए समाज के द्वारा समाज के नागरिकों के लिए अवसरानुकूल आयोजन आयोजित किए जाते हैं। 
इन्हीं सामाजिक सरोकारों के तहत 30 सितम्बर 2019 को सुभाष नगर, उदयपुर  में के.जी. गट्टानी फाउंडेशन, मुस्कान क्लब, उदयपुर के तत्वावधान  तथा ऐश्वर्या काॅलेज आॅफ एज्यूकेशन संस्थान, उदयपुर के संयोजन में वरिष्ठ नागरिक दिवस के उपलक्ष्य पर ज्ञान व मनोरंजन से भरपूर एक आयोजन ‘‘अनमोल स्वास्थ्य के नाम’’ आयोजित किया गया। इस प्रेरणात्मक तथा अभूतपूर्व आयोजन के मुख्य-वक्ता प्रसिद्ध मोटिवेशनल स्पीकर श्री अरूण ऋषी ‘स्वर्गीय’ रहे, जिनका स्वागत के.जी. गट्टानी फाउंडेशन की संस्थापक श्रीमती कौशल्या गट्टानी तथा ऐश्वर्या काॅलेज आॅफ एज्येकेशन संस्थान की निदेशक    डाॅ. सीमा सिंह ने स्मृति-चिह्न भेंट कर, किया। 
इस शानदार कार्यक्रम में जैसे ही श्री अरूण ऋषी ‘स्वर्गीय’ ने अपना प्रेरणादायी उद्बोधन प्रारम्भ किया, हाॅल में उपस्थित सभी श्रोतागण शुरू से अन्त तक दत्तचित होकर सूनते रहे। उन्होंने अपनी बात मनुष्य की राजमर्रा की ज़िन्दगी में उपयोग में लेने वाली उपभोगतावादी वस्तुओं के कुप्रभावों से शुरू करते हुए कहा कि आज का हमारे देश में अंसख्य बहुराष्ट्रीय व राष्ट्रीय कम्पनियां अपने विभिन्न उत्पादों से, चाहे टूथपेस्ट हो, साबुन हो, तेल हो, शेम्पू हो, या हजारों प्रकार क्रीमें हो, इन सभी का  हर व्यक्ति आज आदि हो चुका है। इस प्रकार आज हमारी पूरी दिनचर्या इन अप्राकृतिक उपभोगतावादी वस्तुओं के जाल में फंस कर हमेें गुलामों की ज़िन्दगी ज़ीने के लिए विवश कर रही है। श्री ऋषी जी ने रासायनिक तत्वों से बनी इन वस्तुओं के स्थान पर, भारतीय संस्कृति के अनुकूल वस्तुओं को उपयोग में लेने के लिए, कई प्रकार के सुझाव दिए ।
उन्होंने कहा कि हमें प्रातःकाल उठकर चाय के स्थान पर ताम्बे के पात्र में रखा पानी पीना चाहिए। शहद को ठण्डे पानी में मिलाकर पीना चाहिए या नीम्बू पानी का सेवन करना चाहिए। टूथपेस्ट के स्थान पर हमें प्राकृतिक रूप से घर पर बना पेस्ट प्रयोग में लेना चाहिए। उन्होंने मनुष्य की पांचों अंगुलियों की विशेषताओं के बारें में बताया। प्रथम पर लक्ष्मी का वास, मध्यमा से सभी प्रकार के रोग दूर होते हैं। कनिष्का से मनुष्य को शीतलता प्राप्त होती है तथा अंगूठा शक्ति का प्रतीक है। 
इसके साथ ही उन्होंने अपनी पुस्तक ‘‘कैसे बने  मेरा भारत महान’’ पर भी विस्तार से बताते हुए कहा कि यह पुस्तक आपको आपके हर प्रश्न का उत्तर देगी। यह पुस्तक हिन्दी भाषा में है तथा विदेशों में भी यह हिन्दी भाषा में प्रकाशित की गई है। इस प्रकार हमें हिन्दी भाषा को बढ़ावा देना चाहिए।
आगे अपनी बात को ज़ारी रखते हुए उन्होंने कहा कि भोजन करने का तरीका भी आज हमारा बदल गया है इसलिए आज लगभग हर मनुष्य को भोजन नहीं पचने की समस्या है। अपनी पाचन क्रिया को दुरुस्त करने के लिए हमें दोनों पैरों पर बैठ कर, उकड़ू हो कर भोजन करना चाहिए। इसी के साथ प्राकृतिक रूप से बालों को मज़बूत करने, जोड़ों के दर्द से निज़ात दिलाने की घरेलु दवा बनाने, कमर दर्द, हृदयाघात आदि को प्राकृतिक रूप से ही बचने के कई आसान तरीकों के बारे में बताया। 
 इस दौरान उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति का प्रतिदिन कम से कम 15 सेकण्ड ताली हर रोज़ बजानी चाहिए, क्योंकि यह ताली आपके पूरे जीवन को नीरोग बना सकती है। हमारी हथेलियों पर एक्यूपप्रेशर पाॅइन्ट होते हैं, जो ताली बजाने पर आपसे में दबते हैं, जिससे हमें स्वास्थ्य लाभ होता है। इसके बाद उन्होंने ताली बजाने के तरीके को उपस्थित सभी दर्शकगण के सम्मुख प्रस्तुत कर सभी को ताली बजाने के लिए प्रेरित किया।
 कार्यक्रम में के.जी. गट्टानी फाउंडेशन की संस्थापक श्रीमती कौशल्या गट्टानी, ऐश्वर्या काॅलेज आॅफ एज्येकेशन संस्थान की निदेशक डाॅ. सीमा सिंह, डाॅ. रश्मि बोहरा, संस्थान प्राचार्य डाॅ रीना शर्मा, शहर के 100 से अधिक गणमान्य नागरिक, एश्वर्या संस्थान के सभी स्टाफसदस्य तथा 60 से अधिक विद्यार्थियों ने उपस्थित रहकर  लाभ उठाया।