वायुसेना दिवस पर ऐश्वर्या संस्थान में आयोजन
विश्व बन्धुत्व का सन्देश आज के समय की आवश्यकता है। आज देश में विभिन्न प्रकार की समस्याओं ने भारतीय समरसता तथा एकता को खतरे में डाल दिया है। अतः आज के युवा पीढ़ी को भारतीय महापुरूषों के जीवन से प्रेरणा लेने के लिए पे्ररित करना बहुत जरूरी है, ताकि वह आने समय में स्वयं को इस देश की रक्षा में समर्थ बनाए। कुछ इन्हीं विचारों के साथ हेतु ऐश्वर्या काॅलेज आॅफ एजूकेशन संस्थान, उदयपुर में वायुसेना दिवस के उपलक्ष्य में संस्थान के विद्यार्थियों को भारतीय वायुसेना तथा भारतीय महापुरूषों के योगदान, बलिदान तथा देश-सेवा के प्रति उनकी निष्ठा से परिचित कराने के लिए एक सेमिनार का आयोजन किया गया।
सेमिनार में मुख्य-अतिथि के रूप में सेवानिवृत विंग कमाण्डर श्री पुखराज सुखलेचा उपस्थित रहे। मुख्य-अतिथि का स्वागत छात्रसंघ उपाध्यक्ष कनिका जोशी ने स्मृति-चिह्न भेंट करके किया। प्राचार्या डाॅ. रीना शर्मा ने स्वागत भाषण देते हुए आज के कार्यक्रम की संक्षिप्त में जानकारी प्रदान की।
इसके बाद मुख्य-अतिथि ने सेमिनार में उपस्थित सभी छात्र-छात्राओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि आज देश में अलगाव-वाद, माॅब-लिचिंग, आतंकवाद, हड़तालें, गरीबी का स्तर बहुत तेजी से बढ़ रहा है और इसकी वजह है, आज हिंसा का रास्ता अपनाने वालों की संख्या ज़्यादा होना तथा अहिंसा का रास्ता अपनाने वालों की संख्या में कमी होना। इन हिंसक घटनाओं से देश की समरसता, एकता व शान्ति खण्डित होती जा रही है। यदि इन सब से बचना है तो हमें स्वामी विवेकानन्द, महात्मा गांधी, सुभाष चन्द्र बाॅस, सिस्टर निवेदिता के बताए गये रास्ते पर चलना होगा। इस प्रकार जहाॅं देश के भीतर सुरक्षा अहिंसा के रास्ते पर चलकर हो सकती है, उसी प्रकार देश के बाहर देश सीमाओं की रक्षा के लिए देश की सेनाओं की भागीदारी को भी नहीं भूलाया जा सकता है। वायुसेना हमारी भारतीय सेना का एक अभिन्न अंग है। इसके अलावा उन्होंने विवेकानन्द शिला स्मारक की जानकारी भी प्रदान की। आगे उन्होंने कहा कि आज के विद्याार्थियों के लिए सबसे ज़्यादा आवश्यक है कि वे समय का सदुपयोग करते हुए अपने जीवन को प्रभाव शाली बनाए। कार्यक्रम का संचालन छात्रसंघ के सांस्कृतिक निदेशक पुनीत खन्ना ने किया।
इस दौरान संस्थान के सभी स्टाफसदस्य तथा छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे। अन्त में धन्यवाद छात्रा कनिका जोशी ने किया।