ऐश्वर्या कॉलेज में शनिवार को विश्व मानव तस्करी रोधी दिवस पर वार्ता का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मुख्य वक्ता एडवॉकेट एकता मेहता रही। कार्यक्रम का प्रारंभ दीप प्रज्वलन एवं गणपति वंदना के साथ हुआ। छात्रा एवं सेल सेक्रेटरी गर्विता माली द्वारा मुख्य वक्ता का स्वागत किया गया। मुख्य वक्ता ने इस विषय पर प्रकाश डालते हुए बताया की कोविड.19 महामारी से पैदा हुए आर्थिक संकट से न सिर्फ बड़े बल्कि बच्चे भी परेशान हैंए आर्थिक संकट का असर सीधे तौर पर नाबालिग बच्चों पर पड़ रहा है और वह इस वजह से अपना बचपन खो रहे हैंए महामारी के वक्त लिए गए कर्ज का बोझ उतारने के लिए ढेर सारे बच्चे अपने परिवारों की मदद करने को मजबूर हो रहे हैंए मुख्य वक्ता ने बताया की किसी व्यक्ति को बल प्रयोग करए डराकरए धोखा देकरए हिंसा जैसे तरीकों से भर्तीए तस्करी या बंधक बना कर रखना मानव तस्करी के अंतर्गत आता हैं। अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन के मुताबिकए बाल तस्करी का मतलब बच्चों को उनके सुरक्षात्मक वातावरण से बाहर निकालने और शोषण के मकसद से उनके कमजोर हालात का फायदा उठाना हैए भारत का बाल संरक्षण कानून सामान्य मामलों में 15 साल से कम उम्र के बच्चों को काम पर रखने पर प्रतिबंध लगाता हैए जबकि भारी और सेहत पर असर पड़ने वाले कामों के लिए न्यूनतम उम्र सीमा 18 साल रखी गई हैए अभी पिछले सप्ताह ही सुप्रीम कोर्ट ने मामले का स्वतः संज्ञान लेकर सरकार को वैसे बच्चे की पहचान और लिस्ट तैयार करने का हुक्म दिया हैए जिनके पिता, माता या माता.पिता दोनों की कोविड महामारी में मौत हो गई हैए कोर्ट ने सरकार से ऐसे बच्चों की पढ़ाईए स्वास्थ्य और उनके परवरिश की जिम्मेदारी उठाने को कहा है। साथ ही मुख्य वक्ता ने सभी विद्यार्थियों से आग्रह किया की हम अपने आस पास हो रही घटनाओं के प्रति संवेदनशील रहे तथा एवं बाल श्रमिकों से जुड़ी जानकारी से प्रशासन को अवगत कराएं। कार्यक्रम का संचालन छात्रा हिमांशी श्रीमाली ने किया तथा कार्यक्रम में धन्यवाद ज्ञापन ईशा कुंवर चौहान ने दिया। रुचि जैनए यश खोड़ए प्रणिका खमेसराए मानसी शर्मा, यश्वि पांडे एवं अन्य विद्यार्थी वार्ता में उपस्थित रहे।