उदयपà¥à¤° 21 नवमà¥à¤¬à¤°à¥¤ महाराणा पà¥à¤°à¤¤à¤¾à¤ª तकनीकी विशà¥à¤µà¤µà¤¿à¤¦à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ के कà¥à¤²à¤ªà¤¤à¤¿ पà¥à¤°à¥‹. ओ. पी. गिल ने कहा कि à¤à¤¾à¤°à¤¤ देश में शिकà¥à¤·à¤¾, तकनीक, उदà¥à¤¯à¥‹à¤—ों, मोबाइल सà¤à¥€ में नवाचार हà¥à¤† है। इस नवाचार व तकनीकि परिरà¥à¤µà¤¤à¤¨ ने ही जीवन को सरल व सà¥à¤—म बनाया है। पà¥à¤°à¥‹. गिल à¤à¤¶à¥à¤µà¤°à¥à¤¯à¤¾ à¤à¤œà¥à¤¯à¥‚केशन संसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ में आयोजित â€à¤¨à¤µà¤¾à¤šà¤¾à¤° और पà¥à¤°à¥Œà¤¦à¥à¤¯à¥‹à¥‡à¤—िकीय परिरà¥à¤µà¤¤à¤¨ के पà¥à¤°à¤¬à¤‚धन पर à¤à¤• वैशà¥à¤µà¤¿à¤• परिदृषà¥à¤¯â€œ विषय अनà¥à¤¤à¤°à¥à¤°à¤¾à¤·à¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ सेमीनार के उदà¥à¤˜à¤¾à¤Ÿà¤¨ सतà¥à¤° में मà¥à¤–à¥à¤¯ अतिथि के रूप मंे बोल रहे थे। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने बताया कि कृषि के कà¥à¤·à¥‡à¤¼à¤¤à¥à¤° में ही जहाठखादà¥à¤¯à¤¾à¤¨ की उपज कम होती थी, अब वही वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ समय में नवाचार व तकनीकि परिरà¥à¤µà¤¤à¤¨ से यह उपज मिलियनà¥à¤¸ में होती है। नवाचार समय की आवशà¥à¤¯à¤•ता à¤à¥€ हैै।
सेमीनार के आयोजनकरà¥à¤¤à¤¾ डॉ. अरà¥à¤šà¤¨à¤¾ गोलवलकर ने बताया कि इस सेमीनार के उदà¥à¤˜à¤¾à¤Ÿà¤¨ सतà¥à¤° में विशिषà¥à¤Ÿ अतिथि फà¥à¤¯à¥‚जन आउटसोरà¥à¤¸à¤¿à¤‚ग के सी.ई.ओ. शà¥à¤°à¥€ हिमकर दà¥à¤¬à¥‡ ने इस पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¸à¥à¤ªà¤°à¥à¤§à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤• यà¥à¤— में अपने आप को कायम रखने के लिठविदà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को अपनी गà¥à¤£à¤µà¤¤à¤¾ में सà¥à¤§à¤¾à¤° लाने पर बल दिया। इससे पूरà¥à¤µ उदà¥à¤˜à¤¾à¤Ÿà¤¨ सतà¥à¤° का पà¥à¤°à¤¾à¤°à¤®à¥à¤ अतिथियों दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ दीप पà¥à¤°à¤œà¥à¤œà¤µà¤²à¤¨ के साथ हà¥à¤†à¥¤ तदà¥à¤ªà¤¶à¥à¤šà¤¾à¤¤à¥ कारà¥à¤¯à¤¶à¤¾à¤²à¤¾ आयोजनकरà¥à¤¤à¤¾ डॉ. अरà¥à¤šà¤¨à¤¾ गोलवलकर ने अतिथियों का सà¥à¤µà¤¾à¤—त किया। इस अवसर पर अतिथियों दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ à¤à¤¶à¥à¤µà¤°à¥à¤¯à¤¾ रिसरà¥à¤š कमà¥à¤¯à¥‚निकेशन जरà¥à¤¨à¤² के अंक-6 का विमोचन à¤à¥€ किया गया। कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® के अंत में धनà¥à¤¯à¤µà¤¾à¤¦ की रसà¥à¤® बी.à¤à¤¡. महाविदà¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ के पà¥à¤°à¤¾à¤šà¤¾à¤°à¥à¤¯ डॉ. कयà¥à¤¯à¥‚म अली बोहरा ने अदा की।
तकनीकी सतà¥à¤°
पà¥à¤°à¤¥à¤® तकनीकी सतà¥à¤° â€à¤µà¤¾à¤£à¤¿à¤œà¥à¤¯ और पà¥à¤°à¤¬à¤‚धन†के अतिथि डॉ. मदन गोपाल वारà¥à¤·à¥à¤£à¥‡à¤¯, डीन- राजकीय बालिका महाविदà¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯, नाथदà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ à¤à¤µà¤‚ डॉ. मीरा माथà¥à¤°, पà¥à¤°à¥‹à¤«à¥‡à¤¸à¤°, मोहनलाल सà¥à¤–ाडिया विशà¥à¤µ विदà¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯, मà¥à¤–à¥à¤¯ वकà¥à¤¤à¤¾ डॉ. चनà¥à¤¦à¥à¤°à¤•ानà¥à¤¤ शरà¥à¤®à¤¾ व सà¥à¤¶à¥à¤°à¥€ कानन सिलà¥à¤µà¤°à¤¾ थे। सेमीनार के दà¥à¤µà¤¿à¤¤à¥€à¤¯ तकनीकी सतà¥à¤° में â€à¤•मà¥à¤ªà¥à¤¯à¥‚टर विजà¥à¤žà¤¾à¤¨ और सूचना पà¥à¤°à¥Œà¤§à¥‡à¤—िकी†मे सतà¥à¤° अतिथि डॉ. à¤à¤¨. के. पारीख, डॉ. à¤à¤®.à¤à¤². तलेसरा थे à¤à¤µà¤‚ मà¥à¤–à¥à¤¯ वकà¥à¤¤à¤¾ कमलजीत लखवारिया व गौरव विशà¥à¤µà¤•रà¥à¤®à¤¾ थे। दोनों सतà¥à¤° मे देश -विदेश के कà¥à¤² 75 पतà¥à¤° वाचन किये गये।
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